हैलोवीन फेस्टिवल में भगदड़ से 151 की मौत, कई की जान हार्ट फेल से गई; 82 से ज्यादा घायल

Seoul Stamped

सार
Seoul Stamped: हैलोवीन फेस्टिवल दुनिया के कई शहरों में मनाया जाता है. खासतौर ये फेस्टिवल पश्चिमी देश मनाते हैं, लेकिन अब दुनिया के बाकी हिस्सों में भी इसे मानाया जाने लगा है.

Seoul Stamped: साउथ कोरिया की राजधानी सियोल में शनिवार देर रात हैलोवीन फेस्टिवल के दौरान भगदड़ मच गई। हादसे में 151 लोगों की मौत हो गई। इनमें से कई लोगों का हार्ट फेल हो गया था। भगदड़ में 82 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं।

पुलिस ऑफिसर चोई चेओन-सिक ने कहा- इटावन लेसर इलाके में फेस्टिवल के दौरान एक संकरी रोड पर लाखों लोग आ गए, जिसके बाद वहां भगदड़ मची। कई लोगों की मौत भीड़ में कुचले जाने से हुई है। कुछ लोगों को कार्डियक अरेस्ट आ गया। मारने वालों में 19 विदेशी नागरिक थे। इनमें 3 चीन के नागरिक थे। हादसे के बाद देश में एक दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है।

50 लोगों को सीपीआर दिया गया
इमरजेंसी डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने बताया कि कई लोगों को सांस लेने में दिक्कत आ रही थी। इस सभी लोगों को सीपीआर दिया गया। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल ने अधिकारियों से घायलों को बेहतर इलाज देने का निर्देश दिया है। साथ ही उत्सव स्थलों की सुरक्षा की समीक्षा करने को कहा है।

10 गुना ज्यादा थी भीड़
21 साल के चश्मदीद मून जू-यंग ने बताया कि लोग इतने ज्यादा थे कि पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. लोग वहां से निकलने के लिए गलियों का सहारा ले रहे थे. तभी कुछ लोग एक संकरी गली की तरफ बढ़ने लगे. यहां मौजूद भीड़ सामान्य से कम से कम 10 गुना ज्यादा थी.

संकरी गली की ओर भागने लगे लोग
दमकल अधिकारियों और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि भीड़ अचानक एक संकरी गली की ओर भागने लगी. जो कि पहले से ही खचाखच भरी हुई थी. लोग एक दूसरे पर गिरने लगे. एक महिला ने बताया कि वह और उसकी बेटी भी जश्न मना रही थीं. जब हम वहां से निकले तो भीड़ में फंस गए थे. लोग यहां वहां भाग रहे थे. हम करीब एक घंटे से अधिक समय तक उस संकरी गली में फंसे रहे. बड़ी मुश्किल से वहां से निकाला गया.

एक बिल्डिंग में बनाया गया अस्थायी मुर्दाघर
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि घटनास्थल से सटी एक इमारत में एक अस्थायी मुर्दाघर बनाया गया है. करीब 50 शवों को वहां पर रखा गया है. घायलों को स्टेचर से ले जाया गया. हादसे में जान गंवाने वाले मृतकों की पहचान के लिए उन्हें वहां ले जाया गया है. ये संकट की घड़ी है.

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