Earthquake News: अफगानिस्तान में आज सुबह आए भूकंप से जान माल का भारी नुकसान हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 6.1 की तीव्रता वाले इस भूकंप में कम से कम 250 लोगों की जान गई है, जबकि 150 से ज्यादा लोग घायल हो गए। US जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के मुताबिक भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के खोस्त शहर से 40 किलोमीटर दूर था।
भूकंप का केंद्र राजधानी कुआलालंपुर से 561 किमी पश्चिम में था।
पिछले महीने भी पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में 5.2 तीव्रता का भूकंप आया था। तब खुजदार जिले में कम से कम 80 घर ढह गए थे, जिससे 200 से अधिक परिवार बेघर हो गए थे।
कैसे आता है भूकंप?
भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।
भूकंप की तीव्रता
रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है और यह भूकंप महसूस नहीं किए जाते। रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं। इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है। ऐसे 1,000 भूकंप प्रतिदिन आते हैं इसे भी सामान्य तौर पर हम महसूस नहीं करते। वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं। इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन शायद ही इनसे कोई नुकसान पहुंचता है।
लाइट कैटेगरी के भूकंप 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले होते हैं जो पूरी दुनिया में एक साल में करीब 6,200 बार रिक्टर स्केल पर दर्ज किए जाते हैं। इन झटकों को महसूस किया जाता है और इनसे घर के सामान हिलते नजर आते हैं। हालांकि इनसे न के बराबर ही नुकसान होता है।
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