Bihar : अग्निपथ योजना (Agnipath recruitment scheme) के विरोध में आज दूसरे दिन भी हजारों छात्र हाथों में तिरंगा झंडा लिए रेलवे ट्रैक पर उतरे हैं. ये छात्र भारत माता की जयघोष के साथ केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी कर रहे हैं. केंद्र सरकार की इस योजना को लेकर बिहार में चारों तरफ हंगामा बरपा है. जहानाबाद, बक्सर, आरा, सहरसा, नवादा गया और मुंगेर में सुबह से उग्र युवा हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं. सभी स्थानों पर उग्र छात्रों ने रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया है…
गुरुवार को जहानाबाद, बक्सर और नवादा में ट्रेन रोकी गई। छपरा और मुंगेर में सड़क पर आगजनी के बाद जमकर प्रदर्शन हो रहा है। इन लोगों का कहना है कि सरकार अपना फैसला वापस ले। इसे लेकर बिहार के कई जिलों में प्रदर्शन हो रहा है।
वारिसलीगंज की विधायक अरुणा देवी पर नवादा में प्रदर्शनकारियों ने हमला कर दिया। हमले के दौरान विधायक गाड़ी में ही मौजूद थीं। वो बाल-बाल बच गईं। दैनिक भास्कर से बात करते हुए उन्होंने बताया कि वो अपने क्षेत्र की जन समस्या को लेकर नवादा आ रही थी। उसी ये हमला हुआ। अचानक से 15 से 20 के संख्या में युवक पहुंचे और गाड़ी पर हमला कर दिया।
जहानाबाद में ट्रेन रोकी, ट्रैक पर बैठे
जहानाबाद में छात्रों ने पटना-गया रेलखंड को निशाना बनाते हुए पटना-गया मेमू सवारी गाड़ी को जहानाबाद स्टेशन के पास रोककर विरोध-प्रदर्शन किया। वहीं ट्रेन रोके जाने की सूचना के बाद रेल पुलिस मौके पर पहुंचकर छात्रों को समझाने में जुटी हुई है।
दूसरी तरफ छात्रों ने शहर के स्टेशन इलाके के काको मोड़ के पास सड़क पर आगजनी कर सड़क भी जाम कर दिया है।
बक्सर में भी मचा बवाल
बक्सर में भी सेना बहाली में TOD (टूर ऑफ ड्यूटी) हटाने को लेकर दूसरे दिन प्रदर्शन हुआ। विरोध प्रदर्शन करते हुए भारी संख्या में युवक किला मैदान की सड़कों पर निकले पड़े। इस दौरान आक्रोशित अभ्यर्थियों ने जमकर नारेबाजी की ।
वहीं प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने तुंरत संभाला मोर्चा। फिलहाल सभी प्रदर्शनकारी किला मैदान से स्टेशन रोड की तरफ बढ़ रहे हैं। इधर, रेलवे स्टेशन पर भी पुलिस मोर्चा संभाले हुए है।
नवादा में भी छात्रों का हंगामाः उधर नवादा में भी केंद्र सरकार की ओर से सेना में चार साल के लिए भर्ती स्कीम अग्निपथ का भारी विरोध शुरू हो गया है. इसे लेकर नवादा में युवाओं ने विरोध प्रदर्शन किए और सड़कों पर उतरकर आगजनी की. नवादा में सेना में भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं ने किऊल- गया रेल लाइन को जाम कर दिया. नवादा के प्रजातंत्र चौक, रेलवे स्टेशन एवं बाईपास पर सैकड़ों छात्रों ने सेना में नियुक्तियों के नए नियम अग्निपथ को लेकर अपना आक्रोश जताया. शहर के प्रजातंत्र चौक पर टायर जलाकर प्रदर्शन किया गया. अभ्यर्थियों का कहना है कि ARO द्वारा दो साल पहले 8 जिलों के अभ्यर्थियों का फिजिकल और मेडिकल कराया गया था, लेकिन उसके बाद कभी कोरोना तो कभी कोई और बहाना करके लिखित परीक्षा में देरी की जा रही है. हमारा भविष्य अंधकार में डूबता जा रहा है.
सहरसा में भी जोरदार प्रदर्शनः बिहार के सहरसा में भी अभ्यर्थियों ने उग्र आंदोलन किया है. अग्निपथ भर्ती योजना की घोषणा होने के बाद सेना में जाने की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों ने यहां सरकार के फैसले का विरोध करते हुए जमकर विरोध प्रदर्शन किया है. सैकड़ों की संख्या में सेना भर्ती की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों ने पटेल मैदान से जुलूस निकाला और शहर के विभिन्न चौक चौराहा पहुंच कर जमकर प्रदर्शन किया. वहीं, अभियर्थियों ने स्टेशन के समीप रेलवे ट्रैक को भी जाम कर दिया है. जिस कारण सहरसा से दिल्ली जाने वाली वैशाली एक्सप्रेस और सहरसा से पटना जाने वाली राज्यरानी सुपरस्टार एक्सप्रेस नहीं खुल सकी है. अभियर्थियों की उग्र आंदोलन के कारण सहरसा-मानसी रेलखंड पर रेल परिचालन ठप है. अभियर्थियों ने सरकार के फैसले का विरोध करते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे भी लगाए और टीओटी हटाने की मांग कर रहे हैं.
चार साल की नौकरी का विरोध
एक प्रदर्शनकारी अभ्यर्थी अंकित सिंह ने बताया, ‘2021 में सेना में नियुक्ति के लिए आवेदन मांगे गए थे। मुजफ्फरपुर समेत आठ जिलों के हजारों अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। उनमें से जिन्होंने फिजिकल टेस्ट पास किए उनका मेडिकल हुआ था। मेडिकल होने के बाद अब एक साल से लिखित परीक्षा का इंतजार कर रहे हैं। अब तक परीक्षा नहीं ली गई।’
प्रदर्शनकारियों ने कहा, ‘रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को इसका ऐलान किया था कि अग्निपथ स्कीम के तहत अग्निवीरों की नियुक्ति होगी, जिन्हें 4 साल के लिए सेना में नौकरी दी जाएगी। 4 साल बाद 75 फीसदी जवानों को 11 लाख रुपए देकर घर वापस कर दिया जाएगा। सिर्फ 25 फीसदी की सेवा में कुछ विस्तार होगा। इसी नए नियम को लेकर हंगामा व प्रदर्शन कर रहे हैं।’
सेना बहाली से टीओटी हटाने की मांगः विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि नेता हो या विधायक सभी को 5 साल का समय मिलता है. हमारा 4 साल में क्या होगा. हमारे पास पेंशन की भी सुविधा नहीं है. 4 साल बाद हम रोड पर आ जाएंगे. चार साल पूरे होने के बाद भले ही 25 फीसदी अग्निवीरों को स्थायी कैडर में भर्ती कर लिया जाए. बाकी 75% का क्या होगा. ये कहां का न्याय है. वहीं, कुछ छात्रों का कहना है कि इस योजना से छात्र परेशान हैं और हमें जॉब की गारंटी नहीं मिल रही है. उनका ये भी कहना है कि सेना बहाली में टीओटी हटाया जाए.
‘चार साल बाद हम लोग कहां जाएंगे?’
प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कहा कि हम सेना में जाने के लिए बहुत कड़ी मेहनत करते हैं. इसे चार साल के लिए सीमित कैसे किया जा सकता है? जिसमें ट्रेनिंग के दिन और छुट्टियां भी शामिल हों? सिर्फ तीन साल की ट्रेनिंग के बाद हम देश की सुरक्षा कैसे कर सकते हैं? सरकार को इस स्कीम को वापस लेना चाहिए.
जहानाबाद में प्रदर्शन कर रहे एक छात्र ने कहा कि हम चार साल के बाद काम करने कहां जाएंगे? चार साल की सर्विस के बाद हम लोग बेघर हो जाएंगे. इसलिए हम लोग सड़कों पर उतरे हैं. प्रदर्शनकारी ने कहा कि देश के नेताओं को समझना होगा कि जनता जागरूक है.