रांची : झारखण्ड विधानसभा बजट सत्र के आठवें दिन भी पहली पाली में हाउस आउट ऑफ ऑर्डर रहा. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही 60-40 नाय चलतो लिखा टी-शर्ट पहने भाजपा के विधायक वेल में आ गये और नारेबाजी करने लगे. बीजेपी विधायक कह रहे थे 60-40 नाय चलतो, सीएम हेमंत सोरेन हाजिर हों. उधर स्पीकर रवींद्रनाथ महतो प्रश्नकाल चलाने के लिए हाउस को ऑर्डर में लाने की प्रयास करते रहे. हंगामा कर रहे विधायकों से उन्होंने कहा-रोज-रोज आपका हंगामा नहीं चलेगा. कुछ सवाल का बोहनी हमको भी करने दीजिए, लेकिन विधायक वेल में जमे रहे. हंगामे के बीच ही स्पीकर ने कुछ विधायकों के सवाल लिये और सरकार की ओर से उस पर जवाब दिया गया. हंगामे के कारण स्पीकर ने दोपहर 12.30 बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी. 12.36 में दोबारा कार्यवाही शुरू हुई, लेकिन फिर विपक्ष के विधायक वेल में पहुंच गये. हंगामे के कारण 12.53 बजे फिर से कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी.
सदन सुचारू चलेगा, पहले हमारी तीन बातों का जवाब दे सरकार : नीलकंठ
वहीं दूसरी बार सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि सदन में दो- तीन दिनों से व्यवधान हो रहा है. उन्होंने कहा कि विपक्ष की भावना का आदर करते हुए सदन चले. विपक्ष के पास सिर्फ एक विषय है, जिस पर वह जवाब चाहता है. सदन में सरकार स्पष्ट करें कि 1932 का क्या हुआ. 2016 से पहले की जो नियोजन नीति सरकार लागू करने जा रही है, वह क्या है. सरकार यह भी बताये कि 60-40 क्या है. नीलकंठ ने स्पीकर से कहा कि पक्ष और विपक्ष ने सर्वसम्मति से आपको अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाया है. जो मामले विपक्ष उठा रहा है, उस पर सीएम का जवाब दिलाया जाए.
राज्य के विश्वविद्यालयों में 40 फीसदी से ज्यादा शिक्षकों के पद हैं खाली !
सदन में सरकार ने माना है कि राज्य के विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के 40 फीसदी से ज्यादा पद रिक्त हैं. माले विधायक विनोद सिंह ने अनुसूचित प्रश्न के जरिए राज्य के विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की कमी का मामला उठाया था. उन्होंने कहा कि झारखण्ड के विश्वविद्यालयों में 300 से ज्यादा जेआरएफ पास अभ्यर्थियों को शिक्षकों के अभाव में शोध निदेशक नहीं मिल रहे हैं. वहीं विश्वविद्यालयों में स्वीकृत पदों के 40 फीसदी से ज्यादा शिक्षकों के पद खाली हैं. इस पर हेमंत सरकार की ओर से मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने जवाब देते हुए कहा, यह सही है कि राज्य के विश्वविद्यालयों में 40 फीसदी से ज्यादा शिक्षकों के पद खाली हैं. लेकिन अदायगी निदेशकों का अभाव नहीं है. उन्होंने बताया कि रांची यूनिवर्सिटी में JRF पास अभ्यर्थियों की संख्या 142 है, जबकि शोध निदेशक 92 हैं. वहीं विनोबा भावे यूनिवर्सिटी में JRF पास अभ्यर्थियों की संख्या 88 है. जबकि शोध निदेशकों की संख्या 42 है.