सार
प्रशांत किशोर ने कहा है कि नीतीश कुमार एक बार फिर पलटी मार सकते हैं. बीजेपी के साथ जाने के लिए नीतीश कुमार ने रास्ता खुला छोड़ रखा है. उन्होंने अपने एक खास नेता को इस काम के लिए रिजर्व रखा है. हालांकि जेडीयू ने प्रशांत किशोर के दावे को सरासर गलत करार दिया है.
Bihar News : चुनावी रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा, ‘नीतीश भाजपा के संपर्क में हैं। वह कभी भी भाजपा के साथ जा सकते हैं। उन्होंने अभी दरवाजे बंद नहीं किए हैं।” इससे पहले भाजपा के साथ गठबंधन खत्म करने के बाद नीतीश ने कहा था कि वह अब भाजपा के साथ कभी नहीं जाएंगे।
जनसुराज पदयात्रा के दौरान पश्चिम चंपारण के भेड़ीहरवा पंचायत में बुधवार को कहा कि सीएम भले इन दिनों RJD के साथ हैं, लेकिन वह कभी भी BJP के साथ जा सकते हैं और वह लगातार BJP के संपर्क में है। PK ने वो कड़ी भी बताई जिसके जरिए नीतीश भाजपा के साथ जा सकते है। प्रशांत किशोर ने कहा कि 2015 में आपने वोट दिया। ये आदमी 2017 में आपको ठग कर भाग गया। आप नीतीश को मुझसे ज्यादा नहीं जानते होंगे। ये फिर आपको ठग कर निकल जाएगा। प्रशांत ने ये भी कहा कि मुझे कुछ आए चाहे ना आए चुनाव लड़ाना तो अच्छे से आता है।
PK बोले- हरिवंश के जरिए BJP के संपर्क में हैं नीतीश
PK ने कहा कि वह अपनी पार्टी के सांसद और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश जी के जरिए BJP के संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग यह सोच रहे हैं कि नीतीश कुमार BJP के खिलाफ राष्ट्रीय गठबंधन बनाने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं, वे यह जानकर चकित रहे जाएंगे कि उन्होंने BJP के साथ रास्ता खुला रखा है।
JDU ने कहा- पीके अफवाह फैला रहे हैं
हालांकि, JDU ने इस बात से साफ इनकार किया है। JDU के नेता ने इसे पूरी तरह से अफवाह बताया है। कहा है कि प्रशांत किशोर इस तरह की बात करके भ्रम फैलाते हैं। इसमें कोई सच्चाई नहीं है। नीतीश अब भाजपा के साथ नहीं जा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने इसकी घोषणा सार्वजनिक रूप से की है। इसमें कोई सच्चाई नहीं है।
जेडीयू ने बताया भ्रम फैलाने की कोशिश
उधर जेडीयू ने प्रशांत किशोर के दावे को भ्रम फैलाने की कोशिश करार दिया है. जेडीयू के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि नीतीश कुमार ने सार्वजनिक तौर पर ये एलान किया है कि वे जीवन में फिर कभी भाजपा से हाथ नहीं मिलायेंगे. त्यागी ने कहा कि नीतीश कुमार पिछले 50 सालों से राजनीति में हैं जबकि प्रशांत किशोर सिर्फ 6 महीने से राजनीति के मैदान में उतरे हैं. वे लोगों के बीच भ्रम फैलाने के लिए इस तरह की बात कर रहे हैं.
लेकिन सियासी जानकारों का मानना है कि प्रशांत किशोर का दावा अगर सच साबित हो जाये तो फिर हैरानी नहीं होनी चाहिये. नीतीश का पिछला इतिहास भी इसकी गवाही देता है. 2013 में जब वे बीजेपी से अलग हुए थे तो विधानसभा में कहा था कि मिट्टी में मिल जायेंगे लेकिन भाजपा के साथ नहीं जायेंगे. लेकिन 2017 में फिर से भाजपा के साथ चले गये. इस दफे जब वे बीजेपी का साथ छोड़ कर राजद के साथ गये हैं तो फिर से एलान किया है कि जिंदगी भर भाजपा के साथ नहीं जायेंगे. ये किसे मालूम है कि नीतीश का ये दावा सच ही साबित होगा.