UAE : दुबई का पहला मंदिर दशहरे पर आम लोगों के लिए खुल गया। इसका औपचारिक उद्घाटन मंगलवार रात हुआ। बुधवार से श्रद्धालु 16 देवी-देवताओं के दर्शन कर सकेंगे। सफेद संगमरमर से बने इस मंदिर के पास ही गुरुद्वारा और चर्च भी हैं।
मंदिर निर्माण में UAE के रूलर्स और कम्युनिटी डेपलपमेंट अथॉरिटी ने अहम भूमिका निभाई। यहां डिजिटल लाइब्रेरी और वैदिक लैंग्वेज क्लासेज भी होंगी।
दीप जलाकर किया गया उद्घाटन
सहिष्णुता और सह-अस्तित्व मंत्री शेख नाहयान बिन मुबारक अल नाहयान ने मंदिर में दीपक जला कर उद्घाटन किया। मुख्य प्रार्थना कक्ष में रिबन काटने से इस आयोजन की शुरुआत हुई। इस मौके पर शेख नाहयान के साथ UAE में भारतीय राजदूत संजय सुधीर ने भी हिस्सा लिया। हिंदू मंदिर दुबई के ट्रस्टी राजू श्रॉफ के साथ लगभग 200 लोगों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
पहला मंदिर छह दशक पहले
दुबई में करीब 64 साल पहले एक हिंदू मंदिर का निर्माण हुआ था। बुर दुबई में स्थित उस मंदिर में भगवान शिव और कृष्ण की स्थापना हुई है। लेकिन यह अब तक का सबसे विशाल मंदिर है। जबेल अली में साल 2012 में एक भव्य गुरुद्वारा बनाया गया था। मंदिर के अधिकारियों की मानें तो यह मंदिर 70,000 स्क्वॉयर फीट के हिस्से में फैला है और दो मंजिला है।
पहली मंजिल पर एक बड़ा सा प्रेयर हॉल है। इसके एक किनारे पर छोटे कमरे बने हैं जिसमें 16 भगवान स्थापित हैं। वहीं, भगवान ब्रह्मा के लिए एक अलग से कमरा है। पहली मंजिल पर 4,000 स्क्वॉयर फीट का एक हॉल है। इस हॉल में कई धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन हो सकेगा। इनमें श्रद्धांजलि सभा, शादी समारोह और दूसरे कार्यक्रम शामिल होंगे।
भारत से गए पंडित
क्यूआर कोड की वजह से एंट्री कुछ हद तक सीमित हो गई है। भीड़ को मैनेज करने और सोशल डिस्टेंसिंग के लिए यह प्रक्रिया अपनाई गई है। 14 पंडित खास भारत से गए हैं और मंत्रोच्चार के लिए बुलाये गए हैं। उद्घाटन के लिए यूएई और भारत सरकार के सीनियर अधिकारी पहुंचे। साथ ही कुछ राजनयिक और समुदायिक लीडर्स को भी इसके लिए आमंत्रित थे।
मंदिर पांच अक्टूबर से आधिकारिक तौर पर बाकी जनता के लिए खोल दिया जाएगा। मंदिर सुबह 6:30 बजे से लेकर रात आठ बजे तक खुला रहता है। दिलचस्प बात है कि अक्टूबर के अंत तक मंदिर में दर्शन करने के लिए अप्वाइंटमेंट्स फुल हो गए हैं। पांच अक्टूबर से जिन लोगों ने वेबसाइट के जरिए बुकिंग कराई है, उन्हें असीमित समय तक के लिए एंट्री मिल सकेगी।
वर्तमान समय में दर्शन सिर्फ कुछ घंटों के लिए ही है। बुकिंग सिस्टम अक्टूबर के अंत तक रहेगा और इसके बाद सदस्यों को फ्री एंट्री मिलेगी। वो किसी भी समय आकर दर्शन कर सकते हैं। आंगुतकों से अनुरोध किया गया है कि वो मंदिर तक आने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट का प्रयोग करें।