सार
सोशल मीडिया पर पोस्टर को जमकर वायरल किया जा रहा है. गोपालगंज शहर के शैक्षणिक संस्थान, पार्क, मंदिर और चौक-चौराहों पर इसे लगाया गया है.
I Support Nupur Sharma: भाजपा की प्रवक्ता रहीं नूपुर शर्मा के समर्थन में हिंदूवादी संगठनों ने बिहार के गोपालगंज शहर में पोस्टर लगाए हैं. रातों-रात गोपालगंज शहर के शैक्षणिक संस्थान, पार्क, मंदिर और चौक-चौराहों पर नूपुर शर्मा के समर्थन में ‘आई सपोर्ट नूपुर शर्मा’ का पोस्टर लगाए जाने के बाद पुलिस और खुफिया विभाग अलर्ट हो गई है. इसके पहले मुस्लिम संगठनों ने रविवार को नूपुर शर्मा के विरोध में प्रदर्शन जुलूस निकालने का आह्वान किया था, जिसे प्रशासन ने अनुमति नहीं दी. इसके बाद एक मुस्लिम संगठन ने नूपुर शर्मा के खिलाफ नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराने के लिए लिखित शिकायत भी दी है.
दूसरी तरफ सोशल साइट पर नूपुर शर्मा के समर्थन और विरोध के कई पोस्ट शेयर किए जा रहें हैं. गोपालगंज पुलिस की आईटी सेल ने सोशल साइट्स पर भड़काऊ पोस्ट करने वालों की सूची तैयार करनी शुरू कर दी और वैसे लोगों की फेसबुक आईडी पर निगरानी बढ़ा दी है. पुलिस सूत्रों की मानें तो ऐसे करीब 70 लोगों को चिन्हित भी किया गया है, जिन पर कभी भी कार्रवाई हो सकती है. बता दें कि नूपुर शर्मा ने एक टीवी डिबेट के बाद पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी की थी. इसके बाद से लगातार मुस्लिम समाज उनका विरोध कर रहा है.
तीन जून को कानपुर में हिंसा हुई. इसके बाद 10 जून को प्रयागराज, रांची समेत कई जगहों पर हिंसा हुई. हालांकि, नूपुर शर्मा ने अपने बयान पर माफी मांग ली है. भाजपा ने भी उनको पार्टी से निकाल दिया है. साथ ही अपने प्रवक्ता और कार्यकर्ताओं किसी भी तरह के बयान न देने का आदेश दिए हैं. नूपुर शर्मा के खिलाफ इतना कुछ और कार्रवाई होने के बाद भी कुछ असामाजिक तत्व सामाजिक माहौल, सद्भाव को खराब करने में लगातार लगे हुए हैं.
सोशल मीडिया पर पुलिस की नजर
दूसरी तरफ सोशल साइट पर नूपुर शर्मा के समर्थन और विरोध के कई पोस्ट शेयर किए जा रहें हैं. गोपालगंज का आईटी सेल सोशल साइट्स पर भड़काऊ पोस्ट करने वालों की सूची तैयार कर रहा है. वैसे लोगों की फेसबुक आईडी पर नजर है. माना जा रहा है कि करीब 70 लोगों को चिह्नित भी किया गया है, जिन पर कभी भी कार्रवाई हो सकती है.
बता दें कि नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) ने एक टीवी डिबेट (TV Debate) के बाद पैगंबर मोहम्मद (Prophet Muhammad) पर टिप्पणी की थी. इसके बाद से लगातार मुस्लिम समाज उनका विरोध कर रहा है. तीन जून को कानपुर में हिंसा हुई. इसके बाद 10 जून को प्रयागराज, रांची समेत कई जगहों पर हिंसा हुई. हालांकि, नूपुर शर्मा ने अपने बयान पर माफी मांग ली है. बीजेपी ने भी उनको पार्टी से निकाल दिया है.