सार
वीआईएल (ViL) पर सरकार (Government) को ब्याज के तौर पर करीब 16,000 करोड़ रुपये की देनदारी है. हिस्सेदारी के अधिग्रहण के बाद वीआईएल में सरकार का स्वामित्व करीब 33 प्रतिशत हो जाएगा.
Vodafone Idea share: सरकार कर्ज में डूबी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन-आइडिया लिमिटेड (VIL) के शेयर का भाव 10 रुपए पर स्थिर हो जाने पर सरकार इस कंपनी में हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी। एक आधिकारिक सूत्र ने इस बात की जानकारी दी है। PTI के अनुसार सूत्र ने कहा कि बाजार नियामक सेबी के मानकों के मुताबिक हिस्सेदारी का अधिग्रहण समान मूल्य पर ही होना चाहिए। VILके शेयर का भाव 10 रुपए के करीब स्थिर होने के बाद दूरसंचार विभाग हिस्सेदारी अधिग्रहण को मंजूरी देगा।
कंपनी पर करीब 16,000 करोड़ रुपए की देनदारी
VIL पर सरकार को ब्याज के तौर पर करीब 16,000 करोड़ रुपए देने हैं। इसके निदेशक मंडल ने इस देनदारी के एवज में सरकार को 10 रुपए प्रति शेयर के समान भाव पर हिस्सेदारी देने की पेशकश की है। इस हिस्सेदारी के अधिग्रहण के बाद VIL में सरकार की हिस्सेदारी करीब 33% हो जाएगा जबकि कंपनी के प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 74.99% से घटकर 50% से नीचे आ जाएगी।
कंपनियों ने ताजा निवेश न करने का लिया फैसला
वोडाफोन इंडिया के प्रमोटर और चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला हैं। कंपनी में उनकी 27% और ब्रिटेन की कंपनी वोडाफोन PLC की 44% हिस्सेदारी है। कंपनी का मौजूदा मार्केट कैप
31200 करोड़ रुपए है। कंपनी की खस्ता हालत देख दोनों प्रमोटर्स ने कंपनी में ताजा निवेश नहीं करने का फैसला किया है।
जुलाई में हिस्सेदारी के अधिग्रहण के प्रस्ताव को मंजूरी मिली थी
वित्त मंत्रालय ने गत जुलाई में इस दूरसंचार सेवाप्रदाता कंपनी में हिस्सेदारी के अधिग्रहण के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. इस हिस्सेदारी के अधिग्रहण के बाद वीआईएल में सरकार का स्वामित्व करीब 33 प्रतिशत हो जाएगा, जबकि कंपनी के प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 74.99 प्रतिशत से घटकर 50 प्रतिशत से नीचे आ जाएगी. सरकार ने दूरसंचार सर्विस प्रोवाइडर (Vodafone Idea Ltd) को यह विकल्प दिया था कि समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) की बकाया राशि और लंबित स्पेक्ट्रम किस्तों पर देय ब्याज को हिस्सेदारी के रूप में बदला जा सकता है.
कंपनी पर भारी-भरकम कर्ज
वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (ViL) वीआईएल पर 30 सितंबर, 2021 तक 1,94,780 करोड़ रुपये का कुल कर्ज था. अप्रैल-जून तिमाही, 2022 के अंत में यह कर्ज बढ़कर 1,99,080 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.