हजारीबाग रामनवमी जुसूल पर लगी रोक और न ही बजेगा DJ…बीजेपी व कांग्रेस रोक के खिलाफ !

Hazaribagh Ram Navami Jusul has been banned and neither DJ will play.

रांची : रामभक्तों के सबसे बड़े त्योहार रामनवमी को लेकर झारखण्ड के हजारीबाग में प्रशासन के लगे रोक के खिलाफ BJP के साथ साथ कांगेस भी विरोध कर रही है. वहीं बता दें कि हजारीबाग में रामनवमी उत्सव को लेकर प्रशासन द्वारा लगाई गई रोक को लेकर वहां तनाव की स्थिति बनी हुई है. ज्ञात हो कि प्रशासन ने यहां रामनवमी पर किसी तरह का डीजे बजाने पर रोक लगा दी है इसके साथ ही रामनवमी पर शष्त्र पूजन व प्रदर्शन के साथ उत्सव में आयोजित होने वाले पारंपरिक नाटकों में लाठी डंडे या अन्य हथियारों के प्रदर्शन पर भी रोक लगा दी है.

वहीं कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद ने इसे प्रशासन की तानाशाही करार दिया है. हजारीबाग में बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद ने कहा कि हिन्दू समाज के लोग अपने त्योहारों को पूरी शिद्दत के साथ मनाते हैं. प्रशासन को इन त्योहारों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए. लेकिन यहां प्रशासन का नज़रिया सामाजिक ताने-बाने को छिन्न भिन्न करने वाला है. उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि भविष्य में प्रशासन के आदेशों के विरोध में कहीं हिंसा होती है या कोई अनहोनी होती है तो इसके लिए प्रशासन ही जिम्मेदार होगा.

इसी क्रम में प्रशासन के निर्णय का विरोध करने वालों पर FIR दर्ज करने और उन्हें गिरफ्तार करने पर उन्होंने सवाल उठाए. वहीं बता दें कि इसी वर्ष शिवरात्रि पर पलामू जिले में दंगा हुआ था. इस घटना को संज्ञान में लेते हुए प्रशासन ने रामनवमी पर एहतियाती कदम उठाते हुए कुछ बंदिशों का ऐलान किया है. पारंपरिक रूप से रामनवमी का जश्न हजारीबाग में एक महीने पहले से ही शुरू हो जाता है. इस दौरान हर मंगलवार को लोग जुलूश निकालते हैं.

प्रशासन ने इस तरह का आयोजन करने पर भी रोक लगा दी है. इसी के साथ लाड़ी डंडे और हथियारों के प्रदर्शन पर भी रोक लगाई गई है. प्रशासन के इस आदेश का स्थानीय लोग लगातार विरोध कर रहे हैं. उधर, प्रशासन अपने निर्णय पर कायम रहते हुए विरोध करने वालों पर FIR और गिरफ्तारी शुरू कर दी है. इस संबंध में पहली एफआईआर 14 मार्च को दर्ज किया गया.उधर, भाजपा विधायक मनीष जायसवाल ने इस मुद्दे पर झारखण्ड सरकार को घेरने का यास किया. उन्होंने कहा कि झारखण्ड सरकार हिन्दू त्योहारों के साथ खिलवाड़ कर रही है. उन्होंने प्रशासन और सरकार को चेतावनी दी कि किसी हाल में वह अपनी परंपरा और त्योहारों को नहीं छोड़ने वाले.

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