रांची : राज्य में फर्जी रुप से राशन कार्ड बनाकर गरीबों का सरकारी राशन खाने वाले लाभुकों पर सरकार धारा 420 के तहत मुकदमा दर्ज करायेगी. इसकी शुरुआत राजधानी रांची से होगी, जिसको लेकर राजधानी रांची उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा (Rahul Kumar Sinha) ने पिछले दिनों बैठक कर जिला आपूर्ति पदाधिकारी को आदेश दिया है. रांची उपायुक्त द्वारा मिले आदेश के बाद जिला आपूर्ति पदाधिकारी अल्बर्ट बिलुंग ने इस दिशा में कदम उठाते हुए सभी प्रखंडों को प्रारंभिक चरण में पांच-पांच ऐसे फर्जी राशन कार्डधारियों को चिन्हित कर कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा है.
जाने क्या है मामला..
दरअसल गरीबों को मिलने वाले सरकारी राशन में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी होने की शिकायतें DC के पास आती रहती हैं. जिसपर संज्ञान लेते हुए डीसी ने जिलास्तर पर बैठक के दौरान यह पाया कि रांची में करीब 9 हजार ऐसे राशन कार्डधारी हैं जिन्होंने पिछले एक वर्ष से अनाज नहीं लिया है, जबकि 6 महीने से राशन नहीं लेने वाले राशनकार्डधारियों की संख्या करीब 32 हजार है. जांच के दौरान इसके पीछे की वजह कार्डधारियों को खाद्य सुरक्षा अधिनियम की योग्यता से इतर बताया जा रहा है. यानी आर्थिक रुप से संपन्न होने के बावजूद इन लोगों ने राशन कार्ड सिर्फ आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए बनाया है. जिला आपूर्ति पदाधिकारी अल्बर्ट बिलुंग के मुताबिक ऐसे लोगों पर भी विभाग की नजर है और जांच में महंगी कार वाले लोग भी राशन लेते पाये गए हैं.
वहीं फर्जी राशन कार्डधारियों पर विभाग सख्त..
फर्जी राशन कार्ड को लेकर खाद्य एवं आपूर्ति विभाग गंभीर है. इस दिशा में ऐसे राशन कार्डधारियों पर कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं. अधिकारियों की मानें तो फर्जी कार्ड बनाकर ना केवल सरकारी राशन का गलत रुप से उठाव हो जाता है. जबकि इसके जरिए कई दूसरे सरकारी लाभ ले लिए जाते हैं. अब तक हजारों कार्ड रद्द किए जा चुके हैं. वर्ष 2020 में भी ऐसे ही ड्राइव चले थे, जिसमें झारखण्ड के करीब 45000 फर्जी राशन कार्ड को रद्द कर दिया गया था. यह मामला तब प्रकाश में आया जब आधार से राशन कार्ड को लिंक करना शुरू हुआ. उस दौरान यह भी पाया गया कि. कई जगहों से एक ही आधार संख्या से ऐसे लाभुक कई राशन कार्ड बना कर राशन का उठाव कर रहे थे.