Mandar Assembly ByPolls Result : मांडर उपचुनाव में कांग्रेस भाजपा पर भारी रही। भाजपा के गढ़ माने जाने वाले प्रखंड में भी कांग्रेस की सेंधमारी कामयाब रही। इस उपचुनाव में ओवैसी का जादू भी नहीं चल सका और ना ही आदिवासी वोटरों को रिझाया जा सका। शुरूआत से ही कांग्रेस की शिल्पी नेहा तिर्की ने भाजपा की प्रत्याशी गंगोत्री कुजूर को बढ़त लेने नहीं दी।
लेकिन इसका असर देखने को नहीं मिला. पिछले चुनाव में एआइएमआइएम ने शिशिर लकड़ा को प्रत्याशी बनाया था. उन्हें 23,592 मत मिले थे. इस बार देव कुमार धान को समर्थन किया था. जिसके बाद मतों में बड़ा उलटफेर की बात कही जा रही थी. अगर हम मांडर विधानसभा की बात करें तो 3.54 लाख मतदाता हैं. इनमें लगभग 1.75 लाख सरना (आदिवासी) मतदाता, 74,000 हिंदू, 70,000 मुस्लिम और 30,000 ईसाई मतदाता हैं. ऐसे में ऐसे कयास जा रहे थे कि मुकाबला दिलचस्प होगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
आपको बता दें कि देवकुमार धान साल 2005 का चुनाव भी बंधु तिर्की से हार गये थे. उस समय बंधु यूजीडीपी की टिकट पर मैदान में थे. उसके बाद बंधु ने झारखंड जनाधिकार मंच से चुनाव लड़ा. उस वक्त भी देवकुमार धान कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन हार गये.
कुल 21 राउंड में भाजपा सिर्फ एक बार ले सकी मामूली बढ़त
इस उप चुनाव में कुल 2.16 लाख वोट पड़े, जिसके गणना 21 राउंड में पूरी की गई। इस बीच दूसरे राउंड में भाजपा को 112 वोट की बढ़त मिली। हालांकि यह मामूली बढ़त थी। लेकिन शुरुआत में यह बढ़त भी भाजपाइयों के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं थी। लेकिन दूसरे राउंड के बाद भाजपा खेमे में हमेशा के लिए शांति छायी रही और दूसरी ओर कांग्रेस में हर्ष का माहौल दिखता गया।