सार
नरेंद्र मोदी सरकार की अग्निपथ योजना के विरोध में चल रहे हंगामे के बीच एक सरकारी पदाधिकारी के स्तर से समुदाय विशेष के खिलाफ टिप्पणी करने के मामले में आर्थिक अपराध इकाई ने धारा 153 ए और 66 आइटी एक्ट के अंतर्गत एफआईआर दर्ज की है।
Bihar Desk : वाट्सऐप पर संप्रदाय विशेष से जुड़ा आपत्तिजनक पोस्ट करने के आरोप में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने शनिवार को निर्वाचन विभाग के उप-सचिव आलोक कुमार को गिरफ्तार कर लिया। आलोक बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी हैं उनके वाट्सएप संदेश को सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने जैसे संज्ञेय अपराध की श्रेणी में पाया गया है, जिसके विरुद्ध धारा 153 ए और 66 आइटी एक्ट के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है। इंस्पेक्टर धर्मेंद्र कुमार को कांड का अनुसंधान अधिकारी बनाया गया है।
धर्म विशेष को ठेस पहुंचाने वाला पोस्ट किया था
पुलिस सूत्रों के अनुसार, आर्थिक अपराध इकाई को वरीय स्तर के किसी अधिकारी से एक मोबाइल नंबर की जानकारी देकर बताया गया कि इस नंबर का इस्तेमाल करने वाला शख्स एक धर्म विशेष को ठेस पहुंचाने वाला पोस्ट वाट्सएप गु्रप में कर रहा है। इससे सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने का डर है। ईओयू ने इसका तत्काल संज्ञान लेते हुए पोस्ट का प्रिंटआउट एवं वाट्सएप नंबर की जानकारी लेकर जांच शुरू की। जांच के क्रम में मोबाइल नंबर धारक का नाम आलोक कुमार पाया गया। यह सिम कार्ड झारखंड के देवघर के सर्कुलर रोड के पते से लिया गया था।
आलोक कुमार के खिलाफ आईपीसी की धारा 153ए और आईटी एक्ट, 2000 की धारा 66 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसमें उन्माद और दंगा फैलाने और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने जैसे संज्ञेय अपराध शामिल हैं। शनिवार की सुबह 10 बजे उनके मोबाइल नंबर के आधार पर उनका सेल लोकेशन और सेल आईडी निकाली गयी, जिससे उनका नाम और वर्तमान पता पूरी तरह से स्पष्ट हो गया कि उनके इसी नंबर पर मौजूद व्हाट्सएप से विवादास्पद मैसेज को अनेक स्थानों पर भेजा गया है। इस आधार पर उन पर एफआईआर दर्ज की गयी। इस मामले को लेकर ईओयू आगे की जांच कर रही है।
41वीं बैच के पदाधिकारी हैं आलोक कुमार
सूचना के अनुसार, आलोक कुमार 41वीं बैच के पदाधिकारी हैं। उन पर वर्तमान में कोई मामला नहीं है। उनके सहयोगी बताते हैं कि वे एक शांत और मिलनसार प्रवृति के पदाधिकारी हैं। जिस मैसेज को विवादास्पद बताया जा रहा है, उसे उन्होंने बासा के एक ग्रुप में फारवर्ड किया था। जब कुछ लोगों ने आपत्ति जतायी, तो इसे करीब 20 मिनट बाद उन्होंने डिलिट कर दिया। परंतु कुछ लोगों की शिकायत के बाद ईओयू ने बाद में इस मैसेज को रिट्राइव करके उन पर कार्रवाई की है।
कई ग्रुप में किए जा रहे थे इस तरह के पोस्ट
निर्वाचन विभाग में उप सचिव के पद पर पदस्थापित आलोक कुमार पर आर्थिक अपराध इकाई ने धारा 153ए और 66 आईटी एक्ट 2000 के अंतर्गत मुकदमा दायर किया है। इस केस के जांच की जिम्मेदारी आर्थिक अपराध इकाई के इंस्पेक्टर धर्मेंद्र कुमार सिंह को सौंपी गई है। बताया जाता है कि आलोक कुमार द्वारा अपने वॉट्सऐप नंबर 8825128848 के माध्यम से सांप्रदायिक दृष्टिकोण से संवेदनशील और भावना को ठेस पहुंचाने वाला पोस्ट शेयर किया जा रहा था। पुलिस के मुताबिक ऐसे पोस्ट से सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने का डर और दंगा फैलने की पूरी संभावना होती है।
पुलिस निरीक्षक अनुज कुमार सिंह ने आर्थिक अपराध इकाई के पुलिस अधीक्षक को अपनी जांच रिपोर्ट में कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में इस तरह के पोस्ट के माध्यम से सांप्रदायिक उन्माद फैलाने का प्रयास किया गया है। इसके बाद आलोक कुमार की गिरफ्तारी हुई।