Omicron Subvariant Centaurus in Jharkhand : दिल्ली सहित देश के कई शहरों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने के लिए जिम्मेदार माने जा रहे नया वेरिएंट ‘सेंटोरस’ झारखंड में भी मिला है। रांची स्थित राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (RIMS) में हुई जीनोम सिक्वेंसिंग में इसकी पुष्टि हुई है। ‘सेंटोरस’ कोरोना के वेरिएंट ओमिक्रोन का सब वेरिएंट है।
रिम्स को विभिन्न मेडिकल कालेजों एवं अन्य लैब से कुल 192 आरटी-पीसीआर सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए मिले थे। ये सभी सैंपल जून-जुलाई में लिए गए थे। इनमें 12 सैंपल सिक्वेंसिंग में फेल हो गए। शेष 189 सैंपल में किसी सैंपल में डेल्टा वेरिएंट नहीं मिला। सभी सैंपल में ओमिक्रोन के ही सब वेरिएंट ‘सेंटोरस’ व अन्य सब वेरिएंट मिले। कुल 60 प्रतिशत (114 सैंपल ) सैंपल में ‘सेंटोरस’ पाया गया। इनमें 65 सैंपल में बी.ए.2.75 तथा 49 में बी.ए.2.76 मिले जो ‘सेंटोरस’ के ही रूप हैं। जीनोम सिक्सवेंसिंग से यह भी पता चला कि कोरोना तेजी से म्यूटेंट कर रहा है।
कैसे उत्पन्न हुआ सेंटोरस वेरिएंट
ओमिक्रॉन से दो सब वेरिएंट बीए-1 तथा बीए-2 बने। बीए-1 से आगे कोई सब वेरिएंट नहीं बना जबकि बीए-2 से चार सब वेरिएंट फिर उत्पन्न हुए। इनमें बीए 4, बीए 5, बीए 2.12-1 तथा अब बीए 2.75 बना है। अल्फा, गामा, बीटा का कोई सब वेरिएंट ज्ञात नहीं है। जबकि डेल्टा का सब वेरिएंट डेल्टा प्लस है।