सार
Hemant Soren News हेमंत सोरेन की विधायकी को लेकर झारखंड में सियासत तेज हो गई है। झामुमो-कांग्रेस अलर्ट मोड में आ गए हैं। भाजपा को अपनी जीत नजर आती दिख रही है। इस बीच जनता और नेताओं की निगाहें चुनाव आयोग की प्रतीक्षा कर रही हैं।
Jharkhand News : झारखंड में सियासी हलचल गर्माई हुई है. पल-पल नई बातें सामने आ रही हैं. इसी बीच गोड्डा संसद निशिकांत दुबे ने एकबार फिर ट्वीट किया है. अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि झारखंड में भाभी जी के ताजपोशी की तैयारी चल रही है, परिवारवादी पार्टी का बेहतरीन नुस्खा गरीब के लिए.
सीएम हेमंत सोरेन पर लगे ऑफिस ऑफ प्रॉफिट(office of profit case on cm hemant soren) के आरोप को लेकर झारखंड की राजनीति बेहद ही नाजुक दौर से गुजर रही है. चुनाव आयोग से सीएम को मिले नोटिस पर सत्ता पक्ष की ओर से कुछ खुलकर तो नहीं बोला जा रहा है लेकिन विपक्षी दल बीजेपी पर जेएमएम और कांग्रेस के नेता हमलावर जरूर हैं. सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर से वार-पलटवार का दौर भी जारी है.
झारखंड में भाभी जी के ताजपोशी की तैयारी,परिवारवादी पार्टी का बेहतरीन नुस्ख़ा गरीब के लिए
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) August 19, 2022
जेएमएम और बीजेपी के बीच चल रहे शह मात के खेल के बीच राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं भी तरह-तरह की हो रहीं हैं. हेमंत के भविष्य का क्या होगा समेत राज्य की राजनीति के सभी विकल्पों पर भी जमकर बात हो रही है. राजनीतिक पंडित तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं. इस बीच बिहार की राजनीति में जुलाई 1997 में घटी एक घटना का भी जिक्र किया जा रहा है.
कहा जा रहा है कि झारखंड में भी बिहार जैसा प्रयोग संभव है. झारखंड में भी राबड़ी देवी की तरह कल्पना सोरेन मुख्यमंत्री बन सकती हैं. दरअसल, हेमंत पर कार्रवाई होने के बाद जेएमएम के पास क्या-क्या विकल्प हैं इस पर चर्चा के दौरान सीएम की पत्नी कल्पना सोरेन को सत्ता सौंपे जाने की भी अटकलें लग रहीं हैं.
शनिवार को विधायकों की बैठक में साफ होगी तस्वीर
झारखंड मुक्ति मोर्चा व हेमंत सोरेन को इस बात की आशंका है कि फैसला उनके खिलाफ भी आ सकता है। शायद इसी वजह से उन्होंने अपने तमाम झामुमो और कांग्रेस विधायकों को रांची से बाहर नहीं जाने की सख्त हिदायत दे दी है। ऐसी परिस्थितियों में अहम भूमिका निभाने वाले विधानसभा अध्यक्ष भी अलर्ट मोड में हैं। चुनाव आयोग के फैसले के बाद अगर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इस्तीफा देने की नौबत आती है तो वह अपनी जगह किसी व्यक्ति को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन कर सकते हैं। संभवत: उन्होंने नाम भी तय कर लिया हो। संभावना जताई जा रही कि शनिवार की बैठक में इस पर चर्चा हो सकती है। इस बैठक के पश्चात झारखंड की राजनीति की तस्वीर और भी साफ हो जाएगी।