Robot Teacher: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से हो रही स्कूल में पढ़ाई, रोबोट टीचर ‘शालू’ ऐसे लेती है क्लास

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सार
Robot Teacher: मुबंई के एक स्कूल में इन दिनों एक रोबोट बच्चों की क्लास लेती है. ये रोबो टीचर साड़ी पहनती है और बच्चों कुछ ही सेकंड्स में बच्चों के सवालों के जवाब देती है. शालू नाम की ये रोबोट 47 भाषाओं में पढ़ाने वाली दुनिया की पहली रोबोट है.

Robot Teacher: इन दिनों मुंबई की एक रोबोट टीचर काफी सुर्खियां बटौर रही है. शालू नाम की यह रोबोट टीचर स्टूडेंट्स को पढ़ा रही है. यह देश की दूसरी ऐसी रोबोट है जो बच्चों को पढ़ाने में सक्षम है. केंद्रीय विद्यालय, IIT बॉम्बे में एक कंप्यूटर साइंस टीचर, दिनेश कुंवर पटेल ने दुनिया का पहला सामाजिक और शैक्षिक ह्यूमनॉइड रोबोट ‘शालू’ विकसित किया है. इसे कार्डबोर्ड और बाकी वेस्ट मटेरियल से बनाया गया है.

आज दुनिया भर में अंतराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जा रहा है. हर साल 8 सितंबर को अंतराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है. भारत में भी पिछले कुछ सालों से शिक्षा का महत्व काफी बढ़ा है. भारत शिक्षा के क्षेत्र में काफी आगे बढ़ रहा है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के सर्वेक्षण के अनुसार, देश की साक्षरता दर 77.7 प्रतिशत है. भारत के छात्र अलग-अलग क्षेत्रों में नाम रोशन कर रहे हैं.

वहीं भारत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भी अपना वर्चस्व कायम कर रहा है. भारत दुनिया के उन देशों में शामिल है, जहां विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की ओर छात्रों का रुझान तेजी से बढ़ रहा है. भारत में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कई स्तर पर विकसित हो रहा है. इस बीच मुंबई में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (artifical Intelligence) सिस्टम शुरू किया गया है. लगातार दुनिया में टेक्नोलॉजी के क्षेत्र अलग अलग और नए अविष्कार हो रहे हैं. ऐसे में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक उपयोगी अविष्कार में से एक है.

स्कूल के टीचर ने किया है तैयार
आपको बता दें कि शालू नाम के इस रोबोट को केंद्रीय विद्यालय के एक शिक्षक ने करीब 5 साल की मेहनत के बाद तैयार किया है. इस रोबोट को बनाने के लिए घर की खराब और भंगार चीजों का इस्तेमाल किया गया है. दुनिया के किसी भी रोबोट की तुलना में इसे बहुत ही कम खर्च में तैयार किया गया है. इसको तैयार करने वाले दिनेश पटेल शालू को अपनी बेटी मानते हैं.

38 भाषाओं में कर सकती है बात
शालू मैडम यानी इस रोबो टीचर में कई कमाल की खासियत हैं. रोबोट शालू बच्चों को 6 से ज्यादा सब्जेक्ट पढ़ा सकती है. ये रोबोट भारत में बोली जाने वाली 9 भाषाओ में पढ़ा सकती है. वहीं, दुनिया के 38 भाषा में बात कर सकती है. पढ़ाई के दौरान बच्चो के सवालों का जवाब भी शालू तुरंत देती है.

47 भाषाओं में पढ़ाने वाली पहली रोबोट
शालू नाम की ये रोबोट 47 भाषाओं में पढ़ाने वाली दुनिया की पहली रोबोट है. हमारे देश में रोबोट से क्लास में पढ़ाई का चलन तो अभी शुरू नहीं हुआ है लेकिन दुनिया के कई देशों में रोबोट द्वारा क्लास में पढ़ाया जाता है. आने वाले समय में हिंदुस्तान में भी रोबोट की पाठशाला शुरू होने की ढेरो संभावनाएं नजर आती है.

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