सार
प्रयागराज में एक अजीबोगरीब घटना में डेंगू के एक मरीज को कथित तौर पर प्लाज्मा की जगह मीठा नींबू का रस (मौसमी जूस) दिया गया और उसकी मौत हो गई।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक अजीबोगरीब घटना सामने आई है। जानकारी के मुताबिक, यहां डेंगू के एक मरीज को कथित तौर पर प्लाज्मा की जगह मौसमी का रस दे दिया गया, जिससे उसकी मौत हो गई। यूपी के एक फर्जी ब्लड बैंक यूनिट का कथित तौर पर पदार्फाश करने वाला एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसे एक स्थानीय पत्रकार ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है। अनजान लोगों को प्लाज्मा और मौसमी (मीठा नीबू) दोनों का रस ‘समान’ दिखता है।
मामले को लेकर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि घटना की जांच चल रही है और जल्द ही एक परीक्षण रिपोर्ट की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि मामले में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस बीच, डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए, राज्य सरकार ने यूपी के सभी डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को छुट्टी लेने से मना किया है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बुधवार को नगर निगम को डेंगू के नियंत्रण और रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों से अवगत कराने का निर्देश दिया। कोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार से मेडिकल सुविधाओं के अपग्रेडेशन की जानकारी देने को भी कहा है।
मृतक के रिश्तेदार ने बताई पूरी बात
मृतक प्रदीप पांडे के साले सौरभ त्रिपाठी ने बताया, ’14 अक्टूबर को उनकी तबीयत खराब हो गई और उन्हें प्रयागराज के पीपलगांव इलाके के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। परीक्षण के बाद हमें बताया गया कि उन्हें डेंगू है। 16 अक्टूबर को हमें बताया गया कि उन्हें आठ यूनिट प्लेटलेट्स की जरूरत है। हम परिवार के भीतर से तीन इकाइयों की व्यवस्था करने में कामयाब रहे।”
अस्पताल ने 25 हजार में दिए 5 यूनिट प्लेटलेट्स
सौरभ ने आगे बताया, ‘किसी ने हमसे कहा कि अस्पताल के मालिक का बेटा हमारे लिए प्लेटलेट्स का इंतजाम कर सकता है। हमने उनसे संपर्क किया और उन्हें पांच यूनिट के लिए 25,000 रुपये का भुगतान किया। मेरे जीजा को जब चार यूनिट प्लेटलेट्स दिए गए तो उनकी हालत बिगड़ गई। फिर हम उसे दूसरे निजी अस्पताल ले गए। वहां के डॉक्टरों ने कहा कि शरीर में कुछ खून का थक्का जम गया था और बुधवार को उसकी मौत हो गई।” सौरभ ने आगे बताया,“ यह मौसमी का रस था जो मेरे जीजा जी को प्लेटलेट्स के बजाय दिया गया था। मेरे पास पांचवां पैकेट है जिसमें रस है। मैं इसे संबंधित अधिकारियों को दूंगा।”
क्राइम ब्रांच ने खुफिया तरीके से मामले की पड़ताल शुरू की
इस दौरान प्रयागराज पुलिस की क्राइम ब्रांच ने खुफिया तरीके से मामले की पड़ताल शुरू की. कड़ी से कड़ी जोड़ने पर क्राइम ब्रांच की टीम गिरोह के लोगों तक पहुंच गई. आईजी ऑफिस में तैनात कांस्टेबल आशीष मिश्रा जरूरतमंद बनकर गिरोह के लोगों तक पहुंचे. प्रयागराज पुलिस अब तक इस गिरोह के आधा दर्जन लोगों को हिरासत में ले चुकी है. गिरोह के लोगों ने शुरुआती पूछताछ में बताया है कि सिर्फ पैसा कमाने के मकसद से वह प्लेटलेट्स में मौसम्बी का जूस मिलाकर उसे लोगों को सप्लाई कर देते थे.
पहले कम मात्रा में मौसम्बी का जूस मिलाया जाता था लेकिन प्लेटलेट्स की डिमांड बढ़ने पर उनके मन में लालच और बढ़ गया और उन्होंने ज्यादा मात्रा में मौसम्बी का जूस मिलाना शुरू कर दिया. गिरोह के लोगों ने पुलिस को जानकारी दी है कि अब तक वह दर्जनों लोगों को मौसम्बी के जूस की मिलावट वाले प्लेटलेट्स सप्लाई कर चुके हैं. इनमें से कई लोगों की तबीयत ज्यादा बिगड़ने की भी बात सामने आई है.
गिरोह के लोगों से पता चला है कि उन्होंने न सिर्फ बड़ी संख्या में नामचीन अस्पतालों की रसीद छपवा रखी है बल्कि वह जरूरतमंदों को अस्पतालों के फर्जी डाक्यूमेंट्स और खून व प्लेटलेट्स के पैकेट पर फर्जी स्लिप भी लगा कर देते थे. पुलिस इस गिरोह की तह में जाकर इसका पर्दाफाश करना चाहती है.