सार
महाराष्ट्र के सीनियर जर्नलिस्ट अनुराग चतुर्वेदी कहते हैं, बाला साहब के समय में यदि कोई पार्टी से गद्दारी करता था तो उसके खिलाफ काफी सख्त रवैया अपनाया जाता था। लेकिन उद्धव ने रूठों को मनाने की एक्सरसाइज की है, जबकि शिवसैनिक हमलावर होता है। पर उद्धव की स्पीच सुनकर ऐसा लगा मानो वह बहुत डरे हुए हैं।
Mumbai Desk : पिछले दो दिन से सरकार बचा रहे उद्धव अब अपनी पार्टी बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं । शिंदे ने सरकार नहीं, सीधे पार्टी पर कब्जे की घोषणा कर दी है। वे थोड़ी देर में प्रेस कॉन्फ्रेंस भी कर सकते हैं।
शिवसेना ने व्हिप जारी कर बुधवार शाम 5 बजे पार्टी विधायकों की बैठक बुलाई थी। उससे 50 मिनट पहले एकनाथ शिंदे ने पार्टी व्हिप को अवैध बता चीफ व्हिप सुनील प्रभु को हटाने की घोषणा कर दी। साथ ही भरत गोगावले को इस पद पर नियुक्त भी कर दिया। साथ ही शिंदे ने विधायक दल के नेता होने का दावा ठोकते हुए 34 विधायकों के समर्थन वाली चिट्ठी राज्यपाल को भेज दी।
साफ है सरकार के साथ पार्टी पर भी कब्जा करने की कोशिश। शिंदे दावा कर रहे हैं कि उनके पास 46 विधायक हैं। हालांकि, गुवाहाटी में अभी शिवसेना के 35 और 2 निर्दलीय विधायक हैं। 3 और विधायक महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के साथ गुवाहाटी के लिए निकल चुके हैं। यानी कुल 40 विधायक।
उद्धव ने शाम को फेसबुक लाइव किया। कहा कि शिंदे सामने तो आएं, सामने आकर कहें कि मुख्यमंत्री पद पर मैं न बैठूं तो मैं सबकुछ छोड़ दूंगा। इस स्पीच के बाद ही शरद पवार उद्धव से मिलने पहुंचे। बताया जा रहा है कि एक घंटे चली मीटिंग में पवार ने उद्धव को सलाह दी है कि शिंदे को ही मुख्यमंत्री बना दो।
बता दें कि शिवसेना की ओर से व्हिप जारी कर आज शाम को पार्टी के विधायकों की बैठक बुलाई है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि जो नेता नहीं आएंगे, उन्हें लेकर यह माना जाएगा कि वह शिवसेना के सदस्य नहीं हैं। इस बीच एकनाथ शिंदे गुट का भी कहना है कि उनकी गुवाहाटी में मीटिंग होने जा रही है।