सुप्रीम कोर्ट से नूपुर शर्मा को बड़ी राहत, सभी केस दिल्ली ट्रांसफर किए !

NUPUR SHARMA ROW

सार
सुप्रीम कोर्ट से नूपुर शर्मा को बड़ी राहत मिली है. शीर्ष अदालत ने शर्मा के खिलाफ दर्ज सभी केस को दिल्ली ट्रांसफर कर दिया है.

Supreme Court on Nupur Sharma: पैगंबर मोहम्मद पर विवादित बयान को लेकर घिरीं भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की स्पेशल बेंच ने नूपुर के खिलाफ सभी केस दिल्ली ट्रांसफर करने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा है कि अब दिल्ली पुलिस ही सभी मामलों की जांच करेगी।

वहीं, जांच पूरी होने तक नूपुर की गिरफ्तारी पर भी रोक लगा दी गई है। नूपुर ने जान का खतरा बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इसमें कई राज्यों में उनके खिलाफ दर्ज की गई सभी FIR को क्लब और ट्रांसफर करने की मांग की गई थी, जिस पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने नूपुर से अपने खिलाफ दर्ज FIR रद्द कराने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट जाने की अनुमति भी दे दी है।

पश्चिम बंगाल के वकील ने क्या कहा?

इसके बाद पश्चिम बंगाल की वकील मेनका गुरुस्वामी ने कहा कि दिल्ली में दर्ज जिस FIR को पहली FIR बताया जा रहा है, उसमें नूपुर आरोपी नहीं शिकायतकर्ता है. जज ने कहा कि तो पहली FIR कौन सी है, जिसमें नूपुर आरोपी है? मेनका ने बताया कि वह FIR मुंबई की है.

मनिंदर सिंह ने इसपर कहा कि नूपुर की जान पर खतरे को ध्यान में रखा जाए. जस्टिस ने फिर कहा कि हम दिल्ली ही ट्रांसफर करेंगे. मेनका ने इसपर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह गलत होगा. पहली FIR मुंबई की है. इसपर जस्टिस ने कहा कि जांच एजेंसी (दिल्ली पुलिस) अपना काम कर लेगी.

मेनका ने दखल देते हुए कहा कि पहले सभी FIR दिल्ली ट्रांसफर की मांग एक बार खारिज हो चुकी है. बेहतर हो कि एक संयुक्त SIT बना दी जाए. इसपर जस्टिस ने कहा कि हमने बाद में यह पाया कि सुरक्षा कारणों से याचिकाकर्ता का देश भर की कोर्ट में जाना संभव नहीं है.

कोर्ट का आदेश

जस्टिस सूर्यकांत ने आदेश में कहा, “याचिकाकर्ता (नूपुर शर्मा) ने अपने ऊपर दर्ज FIR रद्द करने या फिर उन्हें दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग की ताकि एक ही एजेंसी जांच करे. 1 जुलाई को हमने मांग खारिज की. लेकिन बाद में नए तथ्य हमारे सामने आए.”

जस्टिस ने कहा, “हम FIR रद्द करने की मांग पर कोई आदेश नहीं दे रहे हैं. इसके लिए याचिकाकर्ता दिल्ली हाई कोर्ट में मांग रख सकती है. हमने याचिकाकर्ता की जान पर गंभीर खतरे पर विचार किया है. हम सभी FIR दिल्ली ट्रांसफर कर रहे हैं. सबकी जांच दिल्ली पुलिस करेगी.”

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