Jharkhand Political Crisis : झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तीन विधायकों के कैश कांड में पकड़े जाने के बाद ‘ऑपरेशन लोटस’ के सेकंड फेज से बचने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सत्ताधारी पक्ष के विधायकों को रायपुर शिफ्ट कर दिया है। इसकी पटकथा 2 दिन पहले कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे के साथ बैठकर सीएम सोरेन ने लिखी थी।
रायपुर मेफेयर रिसॉर्ट में यूपीए विधायकों के रुकने का इंतजाम किया गया है, यर रिसॉर्ट नवा रायपुर में स्थित है. फिलहाल कांग्रेस की तरफ से वहां फिलहाल 24 कमरे बुक कराए जाने की सूचना है. बताया जा रहा है कि विधायकों की सहूलियत के अनुसार कुछ और कमरे बुक कराये जा सकते हैं. यह रिसॉर्ट अपने चार स्वीमिंग पूल के लिए जाना जाता है.
35 हजार तक के हैं कमरे: मेफेयर रिसॉर्ट के कमरे बेहत आलिशान हैं, इसके कमरों का किराया 35 सौ से 35 हजार तक बताया जाता है. रिसॉर्ट की सुरक्षा में आईपीएस और डीएसपी स्तर के दर्जन भर अधिकारियों की तैनाती की सूचना है. अफसरों की तैनाती को लेकर एसपी ने बकायदा पत्र भी जारी किया है. रिसॉर्ट के कमरों को दो दिन पहले ही खाली करा लिया गया था. यहां रह रहे मेहमानों को सोमवार को ही दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया था.
आखिर झारखंड छोड़ छत्तीसगढ़ क्यों
सत्ताधारी दल झामुमो और कांग्रेस के विधायक झारखंड में ही रहना चाहते थे। उनका मत था कि वह राजधानी रांची या फिर राज्य के किसी अन्य इलाके में रह सकते हैं, लेकिन सीएम सोरेन इसके लिए तैयार नहीं हुए। उन्हें इस बात का कहीं ना कहीं अंदेशा रहा कि यहां रहने पर सभी को नियंत्रण में रखना टेढ़ी खीर साबित हो सकता है। साथ ही बाहरी कांटैक्ट से उन्हें दूर करना भी कठिन हो सकता है। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ के नए रायपुर स्थित होटल का चयन किया गया।