RBI Repo Rate Hike: SBI समेत इन बैंकों ने दिया ग्राहकों को झटका, महंगा हुआ लोन, बढ़ेगी आपकी EMI

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सार
दरअसल रेपो रेट वो दर होती है जिस पर आरबीआई दूसरे बैंकों को कर्ज मुहैया कराती है। इसके विपरीत रिवर्स रेपो रेट उस ब्याज दर को कहते हैं जो आरबीआई के पास पैसा रखने पर केंद्रीय बैंक बैंको को देती है।

RBI Repo Rate Hike News in Hindi: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के रेपो रेट बढ़ाने के बाद देश के कई बैंकों ने भी अपना कर्ज महंगा कर दिया है. देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने भी अपने लोन महंगे कर दिए हैं. इसके अलावा कई और बैंकों ने भी अपने कर्ज महंगा कर दिया है. महंगाई पर काबू पाने के लिए रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को रेपो रेट (Repo Rate) में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की थी. इसके बाद से बैंकों ने भी लोन पर पर अपने ब्याज दर को बढ़ाना शुरू कर दिया है.

आज से लागू हो जाएंगी नई दरें

SBI की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिग रेट (EBLR) और रेपो रेट से संबंधित उधार दर RLLR में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की गई है. इस बढ़ोतरी के बाद EBLR 8.55 फीसदी हो गया और RLLR 8.15 पर पहुंच गया है. शनिवार यानी आज से नई दरें प्रभावी हो जाएंगी.

बढ़ेगी आपकी ईएमआई

बैंक ऑफ इंडिया ने RBLR बढ़ाकर 8.75 फीसदी कर दिया है. ICICI बैंक ने भी अपने EBLR में इजाफा किया है और ये बढ़कर 9.60 फीसदी हो गया है. EBLR वो ब्याज दर है, जिससे कम दर पर बैंक कर्ज देने की अनुमति नहीं देते हैं. कर्ज दर में वृद्धि के साथ उन लोगों की की ईएमआई बढ़ जाएगी, जिन्होंने EBLR या RLLR पर लोन लिया है.

एचडीएफसी (HDFC) ने होम लोन के ब्याज दर में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की है. नई दर एक अक्टूबर से प्रभावी होगी. इस वित्तीय संस्थान ने बीते पांच महीने में सातवीं बार ब्याज दरों में इजाफा किया है.

रेपो रेट में लगातार इजाफा

महंगाई पर काबू पाने के लिए रिजर्व बैंक इस साल मई से लेकर अब तक चार बार रेपो रेट में इजाफा कर चुका है. रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को चौथी बार रेपो रेट में बढ़ोतरी का ऐलान करते हुए 50 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया था. आरबीआई की इस बढ़ोतरी के बाद रेपो रेट 5.90 फीसदी पर पहुंच गया है. रेपो रेट वह दर होती है जिस पर आरबीआई (RBI) बैंकों को कर्ज देता है.

महंगाई दर

देश में खुदरा महंगाई दर लगतार आठवें महीने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तय लक्ष्य सीमा से ऊपर बनी हुई है. पिछले महीने जारी किए गए खुदरा महंगाई दर के आंकड़ों को देखें तो अगस्त में यह एक बार फिर से 7 फीसदी पर पहुंच गई. इससे पहले जुलाई महीने में खुदरा महंगाई दर में गिरावट दर्ज की गई थी और यह 6.71 फीसदी पर आ गई थी.

वहीं, जून में यह 7.01 फीसदी, मई में 7.04 फीसदी और अप्रैल में 7.79 फीसदी रही थी. सरकार ने महंगाई दर को 2 से 6 फीसदी के दायरे में रखने का लक्ष्य तय किया है, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद ये ऊपर बनी हुई है.

कैसे काम करता है रेपो रेट?

भारतीय रिजर्व बैंक बाजार में मुद्रा के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए रेपो रेट का इस्तेमाल करता है। जब बाजार महंगाई की गिरफ्त में होती है तब आरबीआई रेपो रेट बढ़ाता है। बढ़ी हुई रेपो रेट का मतलब होता है कि जो बैंक आरबीआई से पैसे लेंगे उन्हेंं वह पैसा बढ़ी हुई ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जाएगा।

 

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