सार
अहमदाबाद से दिल्ली जा रही आश्रम एक्सप्रेस ट्रेन में सोमवार को बड़ी लापरवाही सामने आई है। तेज गति से दौड़ती ट्रेन के इंजन में बैठे एक व्यक्ति ने आपातकालीन उपकरणों से छेड़छाड़ की। उसने छेड़छाड़ का फेसबुक पर लाइव भी किया।
Indian Railway News: गुजरात के अहमदाबाद (Ahmedabad) से राजधानी दिल्ली (Delhi) आ रही आश्रम एक्सप्रेस (Ashram Express) ट्रेन में सोमवार को एक बड़ी लापरवाही की गई है. इस लापरवाही के सामने आने के बाद से कई जरूरी सवाल खड़े हो गए है. इस कारण करीब ट्रेन में बैठे 800 यात्रियों की जान खतरे में पड़ गई. बता दें कि ट्रेन के लोकोमोटिव इंजन (Locomotive Engine) में बैठे एक व्यक्ति ने ट्रेन के आपातकाल के समय इस्तेमाल होने वाले उपकरणों में छेड़छाड़ की. इतना ही नहीं व्यक्ति ने इस सारे कारनामे को फेसबुक लाइव (Facebook Live) के जरिए सोशल मीडिया (Social Media) पर भी शेयर किया.
फेसबुक पर लाइव कर इंजन को चलाने का प्रयास
जानकारी के अनुसार मामला सोमवार शाम राजस्थान में दौसा जिले के बांदीकुई रेलवे स्टेशन का है। जयपुर से इस स्टेशन पर पहुंची आश्रम एक्सप्रेस ट्रेन के लोको पायलट संतोष ने खुद के बजाय अपने रिश्तेदार सुखराम को इंजम थमा दिया। सुखराम ने फेसबुक पर लाइव कर इंजन को चलाने का प्रयास किया। इस दौरान उसने सुरक्षा उपकरणों से छेड़छाड़ की। उस समय ट्रेन में 800 से ज्यादा यात्री सवार थे। जानकारी के अनुसार संतोष के रिश्तेदार सुखराम का टिकट कन्फर्म नहीं था। इस कारण संतोष ने उसे अपने साथ लोको केबिन (इंजन) में बिठा लिया।
रिश्तेदार के हाथ में थमाया इंजन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह मामला अहमदाबाद से से दिल्ली आ रही आश्रम एक्सप्रेस ट्रेन में सामने आई है. ट्रेन राजस्थान (Rajasthan) के दौसा जिले के बांदीकुई रेलवे स्टेशन के पास की है. ट्रेन के लोको पायलट संतोष ट्रेन को चला रहे थें. कुछ ही देर बात उसने अपने रिश्तेदार को ट्रेन के इंजन की जिम्मेदारी अपने रिश्तेदार के हाथ में दे दी. इसके बाद उसके रिश्तेदार सुखराम ने इंजन के साथ छेड़छाड़ करना शुरू कर दिया. इतना ही नहीं उसने इस कारनामे को सोशल मीडिया साइट फेसबुक लाइव के जरिए लोगों को दिखाने भी लगा. जिस समय यह घटना हुई उस समय ट्रेन में करीब 800 यात्री सवार थे. राहत की बात यह रही कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ.
यात्रियों की सुरक्षा को खतरा में डाला
रेलवे अधिकारियों की जांच में सामने आया है कि सुखराम रियर लोको में अकेला बैठा था। रियर लोको से परिचालन संबंधी कंट्रोल नहीं होता है। वहां से आपातकालीन प्रणाली का यूज कर सकता है। रियर लोको में मौजूद आपातकालीन प्रणाली का सुखराम यूज कर देता तो बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। इससे सैकड़ों यात्रियों की सुरक्षा खतरे में थी।
जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी बनाई गई
जयपुर मंडल रेलवे के महाप्रबंधक नरेन्द्र ने बताया कि इस घटना के बाद मुख्य लोको पायलट संतोष, सहायक लोको पायलट मनीष कुमार और प्रदीप मीणा को निलम्बित कर दिया गया है। लोको केबिन में बैठा सुखराम ट्रेन से दिल्ली पहुंच गया था। उसके खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करवाया गया है। इस मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी बनाई गई है। प्रारम्भिक जांच में सामने आया कि सुखराम की हरकतों के कारण ट्रेन में सवार 800 से ज्यादा यात्रियों की जान को खतरा हो सकता था ।