झारखण्ड : देवघर में शिवरात्रि को लेकर तैयारी जोरों पर है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने प्रशासन को चुनौती देते हुए कहा है कि अगर प्रशासन शिव बारात को लेकर मनमानी करेगा तो आमरण अनशन पर बैठ जायेंगे। देवघर अनुमंडल क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू की गयी है। इस निर्णय का सांसद ने विरोध कर रहे हैं। शिव बारात निकालने के लिए भी आदेश जारी किया गया है। एसडीओ के इस आदेश के बाद शहर में कई संगठनों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है।
सांसद निशिकांत दुबे ने क्या कहा..
शिव रात्रि महोत्सव समिति का कहना है कि इस संबंध में प्रशासन को पहले चर्चा करनी चाहिए थी। बगैर चर्चा के यह फैसला ले लिया गया है। सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने इस मुद्दे पर ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, झारखंड सरकार डीसी देवघर के माध्यम से हज़ारों साल से आ रही देवघर शिव बारात को रोकना चाह रही है। आस्था के लिए हम न्यायालय के शरण में जायेंगे।” धारा 144 लगाना तथा बिना शिव रात्रि महोत्सव समिति की सहमति के ज़िला प्रशासन ने रूट कैसे तय किया? यह तानाशाही है, यदि प्रशासन नहीं संभला तो मैं भगवान शिव के लिए आमरण अनशन भी कर सकता हूं।
हाईकोर्ट पहुंचा मामला..
अब हाईकोर्ट में इस मुद्दे पर फैसला होगा। शिवरात्रि महोत्सव समिति के अध्यक्ष अभिषेक आनंद झा ने कहा, प्रशासन का यह तुगलकी फरमान है। शिव बारात को देखने लाखों भक्त पहुंचते हैं। ऐसी परिस्थिति में मनमाने तरीके से 144 की निषेधाज्ञा लागू करना अनुचित है। अगर शहर में धारा 144 लागू होगी तो शिव बारात देखने भक्त कैसे पहुंच पायेंगे। यह हिंदुत्व पर प्रहार है। झारखण्ड सरकार के इशारे पर जिला प्रशासन हिंदुत्व पर प्रहार कर रही है। लोगों की धार्मिक भावना और उनकी आस्था को ठेस पहुंचाने की कोशिश है। बरात में हाथी शामिल होते रहे हैं, यह पहली बार नहीं है ऐसे में इस पर रोक लगा दिया गया है। हाथी शिव बारात में शामिल किये जाते रहे हैं यह पुरानी परंपरा बन चुकी है, मगर जिला प्रशासन इसमें अड़ंगा डालने का काम कर रही है, जिसका शिवरात्रि महोत्सव समिति पुरजोर विरोध करती है
शिव बरात पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया गया..
वहीं सूचना जनसंपर्क विभाग ने निषेधाज्ञा को लेकर प्रेस विज्ञप्ति जारी किया है कि शिव बरात पर किसी भी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया गया है. बरात का जो रूट प्रशासन ने निर्धारित किया है, उसी रूट से बरात निकलेगी. यह भी कहा गया है कि अनुमंडल दंडाधिकारी देवघर ने विधि व्यवस्था एवं श्रद्धालुओं की सुरक्षा के दृष्टिकोण से दिशा-निर्देश जारी किया है.
धारा 144 लगाना तथा बिना शिव रात्रि महोत्सव समिति के सहमति के ज़िला प्रशासन ने रुट कैसे तय किया? यह तानाशाही है,यदि प्रशासन नहीं संभला तो मैं भगवान शिव के लिए आमरण अनशन भी कर सकता हूँ
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) February 14, 2023