Jharkhand Amazing Election Result: झारखंड में चल रहे पंचायत चुनाव के दौरान कई चुनाव परिणाम विशेष रूप से चर्चा का विषय बन गए हैं। कुर्सी की इस लड़ाई में विरोधी ही नहीं, बल्कि अपने घरवाले भी चुनावी ताल ठोक रहे थे। कहीं मुखिया बनने की आस में ससुर और बहू, तो कहीं वार्ड सदस्य पद के लिए देवरानी और जेठानी एक-दूसरे के खिलाफ दावेदारी कर रहे थे। चुनाव का नतीजा भी इतना गजब का रहा कि सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे। कहीं मुखिया बहू को पराजित कर ससुर मुखिया निर्वाचित हुए हैं, तो कहीं पति-पत्नी मुखिया और पंचायत समिति सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए हैं। झारखंड में तीसरी बार हुए पंचायत चुनाव के दौरान कई ऐसे उम्मीदवार भी हैं जो लगातार तीनों बार निर्वाचित हुए हैं।
ससुर 6 वोटों से जीत गए, बहू चौथे स्थान पर रही
खूंटी जिले के तीन प्रखंड कर्रा, तोरपा और रनिया में मतगणना के दौरान भी ऐसे ही परिणाम सामने आए हैं। जिले के कर्रा प्रखंड की मेहा पंचायत में मुखिया पद के लिए अपने निवर्तमान मुखिया बहू के खिलाफ ससुर ही चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे थे। राजनीतिक दांव-पेच के बीच ससुर ने जता ही दिया कि बाप आखिर बाप होता है। मतगणना के बाद मेहा पंचायत के मुखिया के रूप में अजय खलखो निर्वाचित घोषित हुए हैं। जबकि उनकी निवर्तमान मुखिया बहू चौथे स्थान पर रहीं। अजय खलखो मात्र छह वोट से चुनाव जीते हैं। मेहा पंचायत की मुखिया रही अपनी बहू के खिलाफ अजय खलखो के चुनाव लड़ने के कारण इस सीट के परिणाम पर सबकी नजर थी।
चुनाव हारते ही चुपके से निकल लिए चाचा
छतरपुर प्रखंड की दिनादग पंचायत में पंचायत प्रतिनिधि के चुनाव में ऊदल पासवान (भतीजा) और उमेश पासवान (चाचा) ने एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ा। हालांकि नामांकन से पहले ग्रामीणों ने दोनों में से किसी एक को चुनाव खड़ा होने की सलाह दी। बात नहीं बनी। 19 मई को मतदान कर मतदाताओं के चाचा-भतीजे के भाग्य को मतपेटी में बंद कर दिया। छतरपुर अनुमंडल मुख्यालय स्थित हाई स्कूल परिसर मतगणना केंद्र में सोमवार को वोटों की गिनती हुई। परिणाम भतीजे के पक्ष में रहा। ऊदल को 1623 मत मिले तो चाच उमेश को 816 वोट। भतीजे ने अपने सगे चाचा को 800 से अधिक मतों से चुनाव हरा दिया। निर्वाची पदाधिकारी ने ऊदल को निर्वाचित घोषित किया। परिणाम आने के बाद चाचा तेजी से मतगणना हाल से खिसक लिए। छतरपुर प्रखंड में चाचा-भतीजे की इस जंग की खूब चर्चा हो रही है।
रांची के कांके प्रखंड की पिठोरिया पंचायत क्षेत्र से वार्ड सदस्य के लिए हुए चुनाव में पत्नी रशीदा खातून ने पति हाफिज अंसारी को 36 वोट से हराया। रविवार को पंडरा स्थित मतगणना हॉल परिसर में सबसे ज्यादा चर्चा पति और पत्नी के मुकाबले की रही। वार्ड नंबर 3 से दो बार लगातार जीत दर्ज कर रहीं वार्ड पार्षद रशीदा खातून के सामने कोई और नहीं उनके पति हाफिज अंसारी ही चुनाव मैदान में खड़े हुए। दोनों में से कोई अपना नाम वापस लेने के लिए तैयार नहीं हुआ।
जीत के लिए दोनों ने कोई कसर नहीं छोड़ी। दोनों अपनी जीत को लेकर उत्साहित थे। पर, जब रिजल्ट आया तो रशीदा खातून को 155 और हाफिज अंसारी को 119 वोट मिले। बीवी ने पति को 34 वोटों से हरा दिया।
जिद की जीत: पति को चुनौती देने वाली रशीदा 10 साल से वार्ड पार्षद
रशीदा खातून बीते 10 साल से वार्ड सदस्य के पद पर हैं। हार से मायूस हाफिज अंसारी का कहना है कि उन्होंने रशीदा से कहा था कि अब उन्हें काम करने का मौका मिलना चाहिए।
पर, वह तैयार नहीं हुई। रशीदा ने मुझसे कहा कि वे चुनाव में नहीं उतरें। आखिरकार तय हुआ कि दोनों चुनाव मैदान में उतरेंगे। अब जनता जिसे चुनेगी, वह ही पंचायत में विकास का काम करेगा।
पति बना पंचायत समित सदस्य, पत्नी बनी मुखिया
चर्चा में रहने वाला ऐसा ही एक परिणाम तोरपा प्रखंड की दियांकेल पंचायत का है। दियांकेल पंचायत में मुखिया पद के लिए चुनाव में शिशिर तोपनो लगातार दूसरी बार निर्वाचित हुई हैं। जबकि इस पंचायत में पंचायत समिति सदस्य पद पर उनके पति जयलाल तोपनो पहले ही निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं। अब दियांकेल पंचायत में पंचायत समिति सदस्य और मुखिया पद की बागडोर पति-पत्नी के हाथेां में आ गया है। ग्रामीण मतदाता कहते हैं कि पति पत्नी मिलकर गांव की सरकार चलाएंगे। इनसे गांव की विकास की उम्मीद है। अब दोनों एक दूसरे को भरपूर सहयोग करें। गांव की बेहतरी के लिए कुछ अच्छा काम करें।