हाइलाइट्स
1. स्कूली बच्चों के बैग का वजन काफी ज्यादा होता है
2. इससे बच्चों का स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है।
सार
भारी स्कूल बैग से परेशान बच्चे और पैरंट्स के लिए अच्छी खबर है। वैज्ञानिकों ने स्कूल बैग का वजन निर्धारित कर दिया है जिसके मुताबिक बच्चे के वजन का 10 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होना चाहिए बच्चे के स्कूल बैग का वेट।
Bihar News : पटना का 11 साल का बबलू अपने स्कूल बैग के वजन से अक्सर परेशान रहता था। सुबह-शाम 8 से 9 किलो का बैग लेकर स्कूल आने जाने में पसीना छूट जाता। दो माह पहले उसकी गर्दन में बैग के बोझ से अकड़न महसूस होने लगी। इसके बाद वह यूट्यूब पर वीडियो देखकर घर पर ही योग अभ्यास से उसे ठीक करने के प्रयास में लग गया। बच्चे ने 15 दिन तक बिना किसी देख-रेख में शीर्षासन और अन्य एक्सरसाइज की थी, लेकिन उसकी गर्दन पूरी तरह से टेढ़ी हो गई।
पुष्पा फिल्म के पुष्पा राज की तरह टेढ़ी हुई छात्र की गर्दन घर वालों के लिए बड़ी समस्या हो गई। स्कूल से लेकर मोहल्ले के बच्चे भी ‘झुकेगा नहीं’ कहकर कमेंट करने लगे। फिर इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में डेढ़ महीने तक इलाज के बाद छात्र की गर्दन अब सीधी हुई है। इलाज करने वाले डॉक्टरों ने चौंकाने वाला खुलासा किया है, यू्ट्यूब वीडियो से इलाज में मर्ज बढ़ाने वालों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यह कहानी सिर्फ 11 साल के राहुल की नहीं है, बल्कि घर-घर की है। बच्चों को छोटी उम्र से ही मोबाइल की लत लग जा रही है।
इंटरनेट से ऐक्सपैरिमैंट करने लगते हैं बच्चे
IGIMS के फीजियोथेरैपी विभाग के डॉ रत्नेश चौधरी का कहना है कि यूट्यूब और अन्य माध्यमों से वीडियो देख लोग खुद से इलाज कर रहे हैं। डॉक्टर का कहना है कि आए दिन ऐसे मामले आ रहे हैं, जिन्होंने वीडियो देखकर इलाज करने में अपनी सेहत गंवाई है।
शरीर के वजन का 10% से ज्यादा न हो स्कूल बैग का वेट
ऐसे में स्टडी के ओवरऑल नतीजे इसी बात की ओर इशारा करते हैं कि स्कूल जाने वाले बच्चे जो स्कूल बैग के तौर पर बैकपैक का इस्तेमाल करते हैं उन्हें अपने शरीर के वजन का 10 प्रतिशत से ज्यादा वजन नहीं उठाना चाहिए।
मौजूदा मामला
रविवार को सोशल मीडिया पर एक सर्कुलर बांटा गया है। इसके बारे में कहा गया है कि इसे मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) की ओर से जारी किया गया है। इस सर्कुलर में पहली से 10वीं क्लास तक के बच्चों के बस्ते का वजन तय किया गया है।
1. पहली और दूसरी के बच्चों के लिए बस्ते का वजन 1.5 किग्रा
2. तीसरी से पांचवीं तक के बच्चों के लिए 2 से 3 किग्रा
3. छठी और 7वीं के बच्चों के लिए 4 किग्रा
4. आठवीं और नौवीं के बच्चों के लिए 4.5 किग्रा
5. 10वीं के बच्चों के लिए 5 किग्रा